स्वतंत्र देशों में राजभाषा क्यों आवश्यक है?
स्वतंत्र राष्ट्र की असली पहचान उसकी अपनी भाषा से होती है। महात्मा गांधी के अनुसार, राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र अधूरा है। भारत में हिंदी को राजभाषा का दर्जा इसलिए मिला क्योंकि यह न केवल स्वतंत्रता संग्राम की भाषा थी, बल्कि आज भी यह विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में एक है। देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता और हिंदी की व्यापकता इसे भारत की आत्मा बनाती है।